दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में बिजली कटौती से हाहाकार मजा हुआ है, लेकिन अब आधे भारत पर 'ब्लैकआउट' का बड़ा खतरा मंडरा रहा है. केंद्रीय बिजली अथॉरिटी के सूत्रों के मुताबिक, कोयले से चलने वाले देश के 50 से ज्यादा पावर प्लांट कोयले की कमी से जूझ रहे हैं. उनके पास सिर्फ 4 से 7 दिन का कोयला बचा है. अगर जल्द ही यह संकट नहीं हल किया गया तो देश में बड़ा बिजली संकट पैदा हो सकता है.अगर ऐसा हुआ तो ट्रेनों की रफ्तार और मेट्रो के सफर पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है. सरकारी और निजी दफ्तरों में भी अंधेरा छाने और कारखाने ठप होने का खतरा है.
...तो बिजली संकट की जद में आएंगे कई राज्य
केंद्रीय बिजली अथॉरिटी के सूत्रों की मानें तो देश के 50 से ज्यादा पवर प्लांट्स के पास सिर्फ 4 से 7 दिन का कोयला का स्टॉक खत्म होने वाला है. सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी ऑथिरिटी कोयले से चलने वाली करीब 100 पॉवर प्लांट की निगरानी करती है. उसकी तरफ से कोयला मंत्रालय को जानकारी भेजी गई है कि उसके मुताबिक 100 में से 38 पावर प्लांट के पास सिर्फ 7 दिन का कोयला बचा है और करीब 20 पावर प्लांट्स के पास सिर्फ 4 दिन तक का कोयले का स्टॉक है.
अगर इन पॉवर प्लांट्स को कोयले की सप्लाई में आगे किसी तरह की रुकावट आई, तो उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु पर ब्लैकआउट का खतरा है. इसके साथ ही वे राज्य भी प्रभावित हो सकते हैं जहां इन पावर प्लांट्स में आपात स्थिति में बिजली भेजी जाती है.
उत्तरी ग्रिड फेल होने का खतरा
उधर, उत्तरी ग्रिड द्वारा से दी जा रही सप्लाई से यूपी और हरियाणा की आपूर्ति पर अधिकारी नजर रखे हुए हैं. खबरों के मुताबिक, बुधवार को यूपी ने उत्तरी ग्रिड से तय मानक से अतिरिक्त बिजली ली है, जिससे ग्रिड पर दबाव बढ़ गया है. इसके तहत यूपी प्रतिदिन 6400 मेगावाट बिजली ले सकती है, लेकिन बुधवार को उत्तर प्रदेश विद्युत निगम ने 300-500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली ली. इसके चलते उत्तरी ग्रिड के फेल होने का संकट बढ़ गया है.
बता दें कि अगस्त 2012 में कुछ राज्यों की ओर से सीमा से ज्यादा बिजली लेने की वजह से उत्तरी ग्रिड फेल हो गया था, जिससे उत्तरी भारत और पूर्वी भारत में 60 करोड़ लोगों को 24 घंटे से ज्यादा वक्त तक अंधेरे में रहना पड़ा था.
...तो बिजली संकट की जद में आएंगे कई राज्य
केंद्रीय बिजली अथॉरिटी के सूत्रों की मानें तो देश के 50 से ज्यादा पवर प्लांट्स के पास सिर्फ 4 से 7 दिन का कोयला का स्टॉक खत्म होने वाला है. सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी ऑथिरिटी कोयले से चलने वाली करीब 100 पॉवर प्लांट की निगरानी करती है. उसकी तरफ से कोयला मंत्रालय को जानकारी भेजी गई है कि उसके मुताबिक 100 में से 38 पावर प्लांट के पास सिर्फ 7 दिन का कोयला बचा है और करीब 20 पावर प्लांट्स के पास सिर्फ 4 दिन तक का कोयले का स्टॉक है.
अगर इन पॉवर प्लांट्स को कोयले की सप्लाई में आगे किसी तरह की रुकावट आई, तो उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु पर ब्लैकआउट का खतरा है. इसके साथ ही वे राज्य भी प्रभावित हो सकते हैं जहां इन पावर प्लांट्स में आपात स्थिति में बिजली भेजी जाती है.
उत्तरी ग्रिड फेल होने का खतरा
उधर, उत्तरी ग्रिड द्वारा से दी जा रही सप्लाई से यूपी और हरियाणा की आपूर्ति पर अधिकारी नजर रखे हुए हैं. खबरों के मुताबिक, बुधवार को यूपी ने उत्तरी ग्रिड से तय मानक से अतिरिक्त बिजली ली है, जिससे ग्रिड पर दबाव बढ़ गया है. इसके तहत यूपी प्रतिदिन 6400 मेगावाट बिजली ले सकती है, लेकिन बुधवार को उत्तर प्रदेश विद्युत निगम ने 300-500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली ली. इसके चलते उत्तरी ग्रिड के फेल होने का संकट बढ़ गया है.
बता दें कि अगस्त 2012 में कुछ राज्यों की ओर से सीमा से ज्यादा बिजली लेने की वजह से उत्तरी ग्रिड फेल हो गया था, जिससे उत्तरी भारत और पूर्वी भारत में 60 करोड़ लोगों को 24 घंटे से ज्यादा वक्त तक अंधेरे में रहना पड़ा था.
No comments:
Post a Comment